भारत

राजनाथ सिंह ने सैन्य विरासत महोत्सव के पहले संस्करण का किया उद्घाटन, परियोजना उद्भव भी किया शुरू – Utkal Mail


नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को परियोजना ‘उद्भव’ शुरू किया, जिसका उद्देश्य सेना को ‘भविष्य के लिए तैयार’ करने पर ध्यान देने के साथ ही भारत के प्राचीन रणनीतिक कौशल को समकालीन सैन्य क्षेत्र में एकीकृत करके सेना में स्वदेशी विमर्श को बढ़ावा देना है।

सिंह ने दिल्ली में भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव के पहले संस्करण का उद्घाटन भी किया, जिसका आयोजन भारत की समृद्ध सैन्य संस्कृति और विरासत, विशेष रूप से देश की सुरक्षा में सशस्त्र बलों की “अद्वितीय बहादुरी” को प्रदर्शित करने के लिए किया गया है। 

परियोजना ‘उद्भव’ के बारे में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इसे एक रणनीतिक शब्दावली और वैचारिक ढांचा बनाने के लिए तैयार किया गया है, जो भारत की दार्शनिक और सांस्कृतिक विरासत में गहराई से अंतर्निहित है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह एक मजबूत, प्रगतिशील और भविष्य के लिहाज से तत्पर भारतीय सेना के लिए एक मंच तैयार करता है, जो न केवल देश की ऐतिहासिक सैन्य दूरदर्शिता के अनुरूप है, बल्कि समकालीन युद्ध एवं कूटनीति की मांगों और गतिकी के भी अनुकूल है।’’ 

इसमें कहा गया है कि विश्व स्तर पर प्रचलित वर्तमान सैन्य अवधारणाओं को काफी हद तक पश्चिमी सेनाओं के अनुसंधान और सिद्धांतों द्वारा आकार दिया गया है और वे भारतीय सेना की अद्वितीय, स्थानीय आवश्यकताओं और समृद्ध सांस्कृतिक-रणनीतिक विरासत के अनुरूप नहीं हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘परियोजना के माध्यम से, भारतीय सेना स्वीकार करती है कि राष्ट्र में प्राचीन ग्रंथों और पांडुलिपियों का खजाना है जो शासन कला, युद्ध और कूटनीति में परिष्कृत, विविध और प्रासंगिक रूप से समृद्ध रणनीतियों को चित्रित करता है।’’ 

इसमें कहा गया है, ‘‘यह परियोजना नयी, स्वदेशी सैन्य अवधारणाओं को विकसित करने, मौजूदा रणनीतियों को ऐतिहासिक दस्तावेजों में उल्लेखित समृद्ध, विविध सामरिक और रणनीतिक ज्ञान के साथ जोड़ते हुए बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग है।’’ प्रोजेक्ट ‘उद्भव’ भारतीय सेना और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया का संयुक्त सहयोग है। 

मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव का उद्देश्य भारत की समृद्ध सैन्य संस्कृति और विरासत का जश्न मनाना है, जो संवाद, कला, नृत्य, नाटक, कहानी और प्रदर्शनियों के माध्यम से सदियों से विकसित हुई है। इसमें कहा गया है कि महोत्सव मुख्य रूप से प्रख्यात विद्वानों, सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा पैनल चर्चा के माध्यम से विभिन्न समझ और दृष्टिकोण को सामने लाएगा। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी इस कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे। 

सिंह ने पत्रकारों से कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश की सुरक्षा में सशस्त्र बलों की बेजोड़ बहादुरी और अमूल्य भूमिका को प्रदर्शित करने वाला भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव देश के युवाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि इससे वे भारतीय सेना और उनके वीरतापूर्ण कार्यों के बारे में और अधिक जानने के लिए उत्साहित होंगे। मंत्रालय ने कहा कि महोत्सव का प्रयास सैन्य इतिहास और विरासत के साथ सार्वजनिक जुड़ाव के क्षेत्र में एक “मानदंड” बनाना है। महोत्सव में सैन्य बैंड प्रदर्शन के माध्यम से सैन्य संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा। 

ये भी पढे़ं- मध्य प्रदेश चुनाव: बीजेपी ने जारी की 92 उम्मीदवारों की सूची, विजयवर्गीय के बेटे का टिकट कटा

 


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button