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दिग्विजय का पलटवार, अमित शाह के आरोपों को बताया झूठ का पुलिंदा  – Utkal Mail

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश के खिलचीपुर में शनिवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर जो आरोप लगाये थे दिग्विजय सिंह ने उन्हें झूठ का पुलिंदा बताया है और तथ्य के साथ शाह के आरोपों का जवाब दिया है।

दिग्विजय सिंह ने आज यहां कहा, “कल खिलचीपुर की सभा में अमित शाह जी ने अपने भाषण में 17 बार मेरा नाम लिया। यह उनका मेरे प्रति जो अपार प्रेम है वह दर्शाता है। मैं उनका आभारी हूँ। लेकिन झूठ बोलने के जो संस्कार उनके गुरु नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिये हैं वह उनके भाषण में आठ बार नज़र आये।” 

उन्होंने कहा, “अमित शाह का पहला झूठ – दिग्विजय सिंह की सलाह से राहुल गांधी ने घोषणा पत्र में मुस्लिम पर्सनल लोन डाला, तथ्य- कांग्रेस के घोषणा पत्र में कोई मुस्लिम पर्सनल लोन नहीं है। दूसरा झूठ- दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद कहा, तथ्य – मैंने कभी भगवा आतंकवाद शब्द का प्रयोग नहीं किया। 

तीसरा झूठ – दिग्विजय सिंह ने अफजल गुरु की फांसी का विरोध किया।तथ्य- मैंने अफजल गुरु की फांसी को जल्द करवाने के लिए पत्र लिखा था कि अफजल गुरु को जल्द फांसी दी जाए।” दिग्विजय सिंह ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) को लेकर गृहमंत्री के आरोपों का करारा जवाब देते हुए कहा ,” शाह का चौथा झूठ – दिग्विजय सिंह ने पीएफआई पर बैन लगाने का विरोध किया, तथ्य – मैंने कभी पीएफआई पर बैन का विरोध नहीं किया बल्कि सिमी पर सबसे पहले प्रतिबंध मेरी ही सरकार ने लगाया था। 

सच्चाई भारतीय जनता पार्टी ने पीएफआई की राजनीतिक इकाई के साथ कर्नाटक में गठबंधन करके लोकल चुनाव लड़ा।” चार और तथ्य गिनाते हुए उन्होंने कहा,”अमित शाह का पांचवां झूठ- दिग्विजयसिंह ने कहा कि कोरोना का टीका मत लगाओ,तथ्य – मैंने कभी भी कोरोना का टीका ना लगाने की अपील नहीं की। छठा झूठ-कोरोना महामारी में राजनीति की, सच्चाई और तथ्य – जब राजगढ़ जिले के लोग ऑक्सीजन और सिलेंडर के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे थे तब मैंने दिल्ली से ऑक्सीजन सिलेंडर भेजकर इलाज की व्यवस्था करायी। 

सातवां झठ- मेडिकल कॉलेज हमने दिया, तथ्य- राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, जयवर्धन सिंह जी प्रभारी मंत्री थे। उन्होंने मुख्यमंत्री जी से राजगढ़ जिला मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव केंद्र को भिजवाया और आठवां झूठ-भोपाल रामगंज मंडी रेलवे लाइन हमने 2000 करोड़ प्रस्तावित किया, तथ्य- 2000 – 2001 प्रस्ताव स्वीकृति वर्ष था, उस समय राज्य में कांग्रेस सरकार थी और लागत 2000 करोड़ नही अमित शाह जी उस समय 3032 करोड़ रुपए रखी गई थी।” 

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