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मेरे पिता धुर लोकतांत्रिक थे… राहुल गांधी के धमकाने वाले आरोप पर अरुण जेटली के बेटे ने दिया जवाब – Utkal Mail

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया कि जब उन्होंने भूमि अधिग्रहण विधेयक में संशोधन के प्रयास का विरोध किया तो तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली को उन्हें धमकाने के लिए भेजा गया था। जेटली के बेटे रोहन जेटली ने कांग्रेस नेता के दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनके पिता धुर लोकतांत्रिक थे और विरोधी विचार वाले किसी व्यक्ति को धमकाने का उनका स्वभाव ही नहीं था। पूर्व वित्त मंत्री जेटली का वर्ष 2019 में निधन हो गया था।

राहुल गांधी ने कांग्रेस के विधि, मानवाधिकार और आरटीआई विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक विधिक सम्मेलन में जेटली को लेकर यह दावा किया। राहुल गांधी ने यह दावा करते हुए कृषि कानूनों का उल्लेख किया, हालांकि उनके कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक का हवाला दे रहे थे जो ‘‘किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी सरकार यह विधेयक लेकर आई थी, लेकिन विरोध के बाद इसे वापस ले लिया था। राहुल गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे याद है जब मैं कृषि कानूनों (भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन संबंधी विधेयक) के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था।’’ 

कांग्रेस नेता के अनुसार, जेटली ने उनसे कहा, ‘‘अगर आप इसी रास्ते पर चलते रहे, सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों पर हमसे लड़ते रहे, तो हमें आपके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जवाब दिया कि लगता है कि आपको पता नहीं है और आपको अंदाज़ा भी नहीं है कि किससे बात कर रहे हैं। हम कांग्रेसी हैं, और हम कायर नहीं हैं। हम कभी झुकते नहीं। अंग्रेज़ भी हमें झुका नहीं सके।’’ 

जेटली के पुत्र रोहन जेटली ने कांग्रेस नेता के दावे को खारिज किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राहुल गांधी अब दावा कर रहे हैं कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने उन्हें कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था। मैं उन्हें याद दिला दूं कि मेरे पिता का देहांत 2019 में हुआ था। कृषि कानून 2020 में पेश किए गए थे।’’ 

रोहन का कहना है, ‘‘इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता का स्वभाव किसी भी विरोधी विचार वाले व्यक्ति को धमकाने का नहीं था। वह एक धुर लोकतांत्रिक व्यक्ति थे और हमेशा आम सहमति बनाने में विश्वास रखते थे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को उन लोगों के बारे में बोलते समय सचेत रहना चाहिए जो इस दुनिया में नहीं हैं। रोहन ने कहा, ‘‘उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के साथ भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की, उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया, जो उतना ही घटिया था।’’ 


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