राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह हिन्दी भाषा का राष्ट्रीय अखण्डता में अहम योगदान
नई दिल्ली/ जयपुर, 14 सितंबर 2022। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि हिन्दी भाषा देश के विभिन्न राज्यों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करती है। हिन्दी हमारे विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त एवं प्रभावी माध्यम है। देशवासियों में भाईचारे की भावना को बढ़ाने में हिन्दी भाषा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्रीय अखण्डता की अहम कड़ी है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 14 सितंबर को सवाई मानसिंह चिकित्सालय महाविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर डॉ. गुंजन गर्ग एवं डॉ. गोपाल काबरा को चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट लेखन के लिए हिंदी सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया तथा ‘भाषा विमर्श’ के स्वर्ण जयंती विशेषांक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने हिन्दी विषय में शत-प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले 393 छात्रों को भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि लोगों को आपस में जोड़ने में भाषा का अहम योगदान रहता है। हिन्दी भाषा को प्रोत्साहन देने में सरकार ने कोई कमी नहीं रखी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी हमारी सांस्कृतिक धरोहर की संवाहक है तथा भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हिन्दी भाषा दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।
हिन्दी के साथ अन्य भाषाओं का ज्ञान भी जरूर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई में देश को एक रखने में हिन्दी का बड़ा योगदान रहा है। गांधीजी को तो गुजराती, हिन्दी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं का ज्ञान था। उन्होंने कहा कि विभिन्न भाषाएं सीखने से हमारे व्यक्तित्व का विकास भी होता है।
पूरे देश में संचालित हो राजस्थान जैसी लोक कल्याणकारी योजनाएं
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी शानदार योजना संचालित की जा रही है जिसमें 10 लाख रूपए तक का इलाज निःशुल्क दिया जा रहा है। जल्द ही प्रदेश की 1.33 करोड़ महिलाओं का तीन साल तक की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ निःशुल्क स्मार्टफोन वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1 करोड़ लोगों को विभिन्न प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। श्री गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान जैसी लोक कल्याणकारी योजनाएं पूरे देश में लागू की जाएं।
हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन में सरकार नहीं रख रही कोई कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्यकारों एवं लेखकों की रचनाओं से देश, प्रदेश, जिले और गांव को पहचान मिलती है। सरकार का कर्तव्य है कि उनका सम्मान करे और उन्हें प्रोत्साहन दे। उन्होंने कहा कि हिन्दी लेखन करने वाले साहित्यकारों, पत्रकारों, विज्ञान और तकनीकी, विधि एवं कृषि