भारत

‘रायथु बंधु’ को लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कविता ने कहा- कांग्रेस की ‘गंदी राजनीति’आई सामने – Utkal Mail


हैदराबाद। रायथु बंधु योजना के तहत लाभार्थियों को भुगतान करने के तेलंगाना सरकार के प्रस्ताव पर रोक का अनुरोध करते हुए निर्वाचन आयोग में कांग्रेस द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान पार्षद के. कविता ने सोमवार को कहा कि एक बार फिर कांग्रेस की गंदी राजनीति सामने आ गई है।

किसानों को वित्तीय सहायता के वितरण के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति को वापस लेने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह योजना कोई चुनावी वादा नहीं है बल्कि यह निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘कांग्रेस की गंदी राजनीति एक बार फिर सामने आ गई है। वे रायथु बंधु के भुगतान में देरी कर रहे हैं जो निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है। यह कोई चुनावी वादा नहीं है। यह कोई नया कार्यक्रम नहीं है जिसे चुनाव के लिए बनाया गया हो।’’ 

निर्वाचन आयोग ने रायथु बंधु योजना के बारे में राज्य के एक मंत्री द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर इस बारे में सार्वजनिक घोषणा किए जाने के बाद योजना के तहत रबी की फसलों के वास्ते किसानों को आर्थिक मदद के भुगतान के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति सोमवार को वापस ले ली। 

कविता ने कहा कि कांग्रेस बार-बार इस कार्यक्रम को लेकर शिकायत कर रही है जिसके तहत बीआरएस सरकार ने पिछले 10 फसल मौसम में 65 लाख किसानों को 72,000 करोड़ रुपये का लाभ दिया है। बीआरएस नेता ने कहा कि वह राज्य के किसानों से अनुरोध करती हैं कि वे स्थिति पर गौर करें और इस हकीकत को समझ लें कि कांग्रेस ‘दुश्मन’ है जिसने रायथु बंधु और किसान कर्ज माफी के तहत भुगतानों को उनसे छीना है।

रायथु बंधु योजना के तहत तेलंगाना में किसानों को हर मौसम में पांच-पांच हजार रुपये यानी सालाना कुल 10,000 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे। कांग्रेस ने रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त से यह कहकर बीआरएस पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था कि पार्टी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान में रायथु बंधु रकम के वितरण का जिक्र नहीं किया है। 

तेलंगाना के वित्त मंत्री टी. हरीश राव ने रबी की किस्त का भुगतान जारी किए जाने के बारे में सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी। उन्होंने कथित रूप से कहा था, ‘‘भुगतान सोमवार को किया जाएगा। किसान चाय-नाश्ता खत्म करेंगे, उससे पहले उनके खातों में रकम पहुंच जाएगी।’’

ये भी पढे़ं- दर्दनाक: आर्थिक तंगी और ऋणदाताओं के उत्पीड़न से परेशान एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने की आत्महत्या

 


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button