Dattatreya Jayanti 2023: कब है भगवान दत्तात्रेय की जयंती? नोट कर लें पूजा का शुभ मुहूर्त – Utkal Mail
Dattatreya Jayanti 2023: हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवता हैं और उनकी पूजा की जाती है। इनमें से भगवान दत्तात्रेय एक हैं। हिंदू धर्म के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का अंश अवतार बताया गया है। इन्हें भगवान दत्त भी कहा जाता है। मार्गशीर्ष मास में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। इस दिन इनकी पूजा करने का विशेष विधान है।
मान्यता है कि दत्तात्रेय भगवान की पूजा करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की आराधाना के समान फल मिलता है। तो आइए जानते हैं कि दत्तात्रेय जयंती कब मनाई जाएगी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त।
पूजा का शुभ मुहूर्त
- दत्तात्रेय जयंती- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर शुरू।
- पूर्णिमा तिथि समापन- 27 दिसंबर 2023 दिन बुधवार को सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर समाप्ति।
- सुबह पूजा का शुभ मुहूर्त- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार सुबह 9 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक।
- दोपहर का पूजा- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक।
- संध्या पूजा का मुहूर्त- 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार शाम 7 बजकर 14 मिनट से लिकर रात्रि 8 बजे तक।
महत्व
भगवान दत्तात्रेय में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश समाहित हैं। यह महर्षि अत्रि और अनुसूया देवी के पुत्र हैं। भगवान दत्तात्रेय में गुरु और ईश्वर दोनों का ही स्वरूप विद्यमान है। इनके तीन मुख और छह हाथ हैं। भगवान दत्तात्रेय ने अपने 24 गुरु बनाए थे। इनकी पूजा मात्र से त्रिदेवों( ब्रह्मा, विष्णु और महेश) की वंदना के समान फल मिल जाता है। भगवान दत्तात्रेय के जो भक्त उनकी जयंती पर विशेष अराधना करते हैं उन्हें अथाह ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन जीने का सही मार्गदर्शन भी मिलता है। मान्यता है कि इन्होंने परशुराम जी को श्रीविद्या का मंत्र सिखाया था।
(नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। अमृत विचार इसकी पुष्टी नहीं करता है।)
ये भी पढ़ें- Mokshada Ekadashi 2023: आज है मोक्षदा एकादशी, जानें व्रत पारण का समय, पूजन विधि और मुहूर्त