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मानहानि मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने TMC सांसद साकेत गोखले का वेतन कुर्क करने का दिया आदेश, जानें वजह – Utkal Mail

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी द्वारा दायर मानहानि मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं सांसद साकेत गोखले का वेतन कुर्क करने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि पहले गोखले को संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव पुरी से माफी मांगने और उन्हें 50 लाख रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया गया था लेकिन उन्होंने न तो जुर्माने की राशि जमा की और न ही कोई उचित स्पष्टीकरण दिया। 

अदालत ने कहा, ‘‘इसी के मद्देनजर प्रतिवादी के वेतन के संबंध में धारा 60 (झ) के तहत कुर्की का वारंट जारी किया जाता है। वेतन 1.90 लाख रुपये बताया गया है। वेतन तब तक कुर्क रहेगा जब तक कि 50 लाख रुपये अदालत में जमा नहीं कर दिए जाते।’’ सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 60 के अनुसार, निर्णय के निष्पादन के मामलों में ऋणी का वेतन पहले एक हजार रुपये और शेष राशि के दो-तिहाई तक कुर्क किया जा सकता है। 

अदालत ने यह आदेश पुरी की उस याचिका पर सुनवाई करते समय पारित किया जिसमें उन्होंने उनके पक्ष में आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने का अनुरोध किया था। हालांकि गोखले की, अपने खिलाफ दिए गए फैसले को वापस लेने का अनुरोध करने वाली याचिका एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित है लेकिन अदालत ने कहा कि मौजूदा कार्यवाही पर कोई रोक नहीं है। 

पुरी ने 2021 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि गोखले ने जिनेवा में उनके स्वामित्व वाले एक अपार्टमेंट को लेकर उनके वित्तीय मामलों के बारे में झूठे आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया था। उच्च न्यायालय ने एक जुलाई, 2024 को सुनाए फैसले में गोखले को माफीनामा प्रकाशित करने और 50 लाख रुपये हर्जाने के भुगतान का निर्देश दिया था। 

इसके अलावा गोखले को पुरी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में किसी भी सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मंच पर कोई और सामग्री प्रकाशित करने से रोक दिया गया था।  

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