वक्फ कानून: तेजस्वी के रुख पर BJP का पलटवार, ‘समाजवाद’ की आड़ में ‘नमाजवाद’ का लगाया आरोप – Utkal Mail

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को विपक्षी गठबंधन पर संविधान को ‘शरिया की स्क्रिप्ट’ में बदलने और अपने ‘नमाजवाद’ को छिपाने के लिए ‘समाजवाद’ की आड़ लेने का आरोप लगाया। भाजपा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की भी इस बात के लिए आलोचना की कि अगर उनका गठबंधन बिहार में सत्ता में आता है तो संशोधित वक्फ अधिनियम को ‘कूड़ेदान में फेंक देगा’।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बिहार में राजद-कांग्रेस-वामपंथी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने संविधान के प्रति अपने सम्मान की कमी को दर्शाया है, क्योंकि यह अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया था और उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी गठबंधन वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है।
त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ गठबंधन पिछले दरवाजे से शरिया प्रावधानों को लागू करना चाहता है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्य हिंदू अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की कीमत पर मुसलमानों को आरक्षण दे रहे हैं और पश्चिम बंगाल भी ऐसा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बी आर आंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान के मूल्यों के प्रति भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘संविधान बचाओ’ इन दलों का महज दिखावा है क्योंकि इनका असली चेहरा ‘शरिया लाओ’ है। अगर वे सत्ता में आए तो संविधान की प्रस्तावना में ‘नमाजवाद’ जोड़ देंगे। वे संविधान को शरिया स्क्रिप्ट में बदलना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’ राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को दावा किया कि बिहार में सत्तारूढ़ राजग ‘अपने अंत की ओर’ है और विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व वाली नई सरकार आई तो केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए वक्फ अधिनियम को ‘कूड़ेदान में फेंक देगी’।
तेजस्वी बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली को संबोधित कर रहे थे। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) आंबेडकर के संविधान के किसी भी प्रावधान को कूड़ेदान में नहीं फेंकने देगा।
विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वे जिन शरिया प्रावधानों की वकालत कर रहे हैं, वे सऊदी अरब, पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की जैसे इस्लामी देशों में भी लागू नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये दल वक्फ की जमीन के बड़े हिस्से को कुछ स्वयंभू मुस्लिम धार्मिक नेताओं के हाथों में केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन संपत्तियों का कभी भी समुदाय के कल्याण के लिए उपयोग नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि समाजवाद संपदा के वितरण में विश्वास करता है, लेकिन राजद और समाजवादी पार्टी जैसे समाजवादी दल इसके विपरीत काम कर रहे हैं और वास्तव में, कुछ स्वयंभू मुस्लिम नेताओं के साथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह समाजवाद नहीं बल्कि नमाजवाद है।
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