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चैत्र नवरात्रि को लेकर मंदिरों में शुरू हुई तैयारियां, यशवंतरी देवी मंदिर में लगेगा मेला…इस साल घोड़े पर होगा माता का आगमन – Utkal Mail

पीलीभीत, अमृत विचार। मां दुर्गा की आराधना के दिन नौ अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। मंदिरों में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। साफ सफाई के साथ रंग पुताई का कार्य चल रहा है। चैत्र नवरात्रि मेले का भी आयोजन होता है। इस साल मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर होगा। नवरात्रि में नौ दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है।

मान्यता है कि ये नौ दिन मां अंबे धरती पर भक्तों के बीच रहती हैं और उनकी पूजा-उपासना से प्रसन्न होकर उनकी सभी इच्छाएं मनोकामना पूर्ण करती हैं। इस समय में घटस्थापना आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा। इस चैत्र नवरात्रि में अमृत सिद्धि, और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है।

शहर के यशवंतरी देवी मंदिर, माता महातेश्वरी देवी मंदिर, मां दुर्गा मंदिर समेत समस्त देवी मंदिरों और घरों में पूजा अर्चना होती है। पहला नवरात्र नौ अप्रैल को होगा। इसको लेकर मंदिरों में साफ-सफाई चल रही है। मंदिर प्रांगण के अलावा देवालय में भी रंग पुताई कराई जा रही है। इसके अलावा कई श्रद्धालु अपने घरों में भी रंग पुताई करा रहे हैं। 

बता दें कि चैत्र के नवरात्र में हर साल यशवंतरी देवी मंदिर पर मेले का आयोजन होता है। जिसको लेकर कई दिन पहले से तैयारियां करना शुरू कर दी हैं। इस बार का मेला बरेली, कासगंज, अलीगढ़, समेत विभिन्न जिलों के श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आएंगे। इसको लेकर मेले झूला आदि लगना शुरू हो गए हैं। इस बार मेले में बाहरी राज्यों से भी तमाम दुकानें लग रही हैं। 

मेले को लेकर पुलिस प्रशासन ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं। मेले में अस्थायी चौकी के अलावा भारी पुलिस बल की ड्यूटी लगाई जाने की रणनीति शुरू हो गई है। ताकि मेला सकुशल संपन्न कराया जा सके। इस बार नवरात्र विशेष योग बन रहे हैं। मां दुर्गा घोड़े में सवार होकर आ रही हैं, जबकि प्रस्थान हाथी पर करेंगी। 

शुभ मुहूर्त
पंडित आशुतोष शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि नौका पर सवारी करने से सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। पहले नवरात्र को घटस्थापना आदि का लेकर शुभ मुहूर्त निर्धारित किया गया है। मुहूर्त में शुभ कार्य करने से मनोकामना पूरी होती है। पिछली बार माता नौका पर सवार होकर आई थी। आठ अप्रैल को सोमवार की रात्रि में 11:55 बजे चैत्र प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और अगले दिन यानी नौ अप्रैल को रात 8:30 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा का व्रत नौ अप्रैल को रखा जाएगा। 

घट स्थापना का मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:11 बजे से शुरू होकर 10:23 बजे तक रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना होगी। इस बार चैत्र नवरात्रि पर तीन राजयोग शश, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि का निर्माण हो रहा है। नौ अप्रैल को अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग दोनों ही साथ पड़ रहे हैं। ये दोनों ही शुभ योग नौ अप्रैल को सुबह 7:32 बजे से लेकर पूरे दिन रहेगा। ज्योतिष में इन योगों को बहुत शुभ माना गया है।

कलश स्थापना की विधि
नवरात्रि की पहले दिन की शुरुआत कलश स्थापना या फिर घटस्थापना के साथ की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। इस पर थोड़े चावल की ढेरी बनाएं और एक मिट्टी का पात्र जिसमें जौं बोए हों, चावल की ढेरी पर रख दें। इस पात्र के ऊपर जल से भरा हुआ कलश रखें। इसके बाद कलश पर स्वास्तिक बनाएं और कलावा बांध दें। कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रख दें। अशोक के पत्ते लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा बांध दें। इसके बाद नारियल को कलश के ऊपर रखें और देवी जी का आवाह्न करें। दीप जलाकर कलश की पूजा करें।

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