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जी20 नेताओं की पत्नियों ने किया आईएआरआई का दौरा, मोटे अनाज के बारे में जाना  – Utkal Mail


नई दिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की पत्नी योको किशिदा समेत जी20 के करीब 15 नेताओं की पत्नियों ने शनिवार को यहां 1,200 एकड़ में फैले पूसा-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) परिसर का दौरा किया जहां उन्होंने मोटे अनाज को खेत में तैयार किए जाने से लेकर पकाए जाने तक का अनुभव लिया। 

जी20 ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति और विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा की पत्नी रितु बंगा जी20 नेताओं की जीवन संगनियों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल थीं, जिन्होंने यहां राष्ट्रीय राजधानी में आईएआरआई परिसर का दौरा किया। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की पत्नी क्योको जयशंकर ने उनका स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल का प्रदर्शनी में एक भव्य “मोटा अनाज-रंगोली” से स्वागत किया गया। इसमें 18 देशों के मोटे अनाज और भारत में बढ़ते स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को प्रदर्शित किया गया।

 कृषि मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रदर्शनी क्षेत्र में 15 ‘एग्रीस्टार्टअप’ ने जमीनी स्तर की चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन तकनीकी के माध्यम समाधान का प्रदर्शन किया। देश भर के एफपीओ ने ‘सामूहिक कृषि के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि को सशक्त बनाना’ थीम के साथ देश भर में विपणन किए जाने वाले खाद्य उत्पादों को प्रदर्शित किया।’’ मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में भारत की कृषि उत्कृष्टता को प्रदर्शित किया गया, जिसमें किसान, अत्याधुनिक कृषि-प्रौद्योगिकी शामिल थी। 

एक घंटे की यात्रा के दौरान प्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश की महिला आदिवासी किसान लहरी बाई से भी मुलाकात की, जिन्होंने अपने खेत में मोटे अनाज के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लहरी बाई दूरदराज के गांवों की उन 20 महिला किसानों में से हैं, जिन्होंने आईएआरआई में जी20 नेताओं की पत्नियों के साथ मोटे अनाज की खेती के बारे में अपने अनुभव और ज्ञान साझा किया। 

ये महिलाएं अपने-अपने क्षेत्रों में मोटे अनाज की खेती के आंदोलन में सबसे आगे हैं। मोटे अनाज के उत्पादक 11 राज्यों – मध्य प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड और ओडिशा के दूर-दराज के गांवों से महिला किसानों को आमंत्रित किया गया था।

आईएआरआई के निदेशक ए.के. सिंह ने बताया, ‘‘”खाद्य और पोषण सुरक्षा में अनुसंधान के माध्यम से कृषि में हुई प्रगति को दर्शाते हुए भारतीय कृषि की प्रगति को प्रदर्शनियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। प्रतिनिधियों ने भारतीय कृषि के बारे में सब कुछ समझने में गहरी रुचि ली।” उन्होंने कहा कि बाजरा के अलावा, डेयरी, मत्स्य पालन और फूलों की खेती में हुई प्रगति को प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया। 

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