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दिल्ली में प्रदूषण को लेकर आप-भाजपा में खींचतान जारी  – Utkal Mail


नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण संकट के बीच सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर सोमवार को भी जारी रहा। दोनो दलों ने एक दूसरे के शासन वाले राज्यों में पराली जलाने को शहर में प्रदूषण कारण बताया। आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि दिल्ली में वायु प्रदुषण का मुख्य कारण हरियाणा में पराली जलाना है और राज्य में भाजपा सरकार ने पराली जलाने को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। 

दिल्ली में भाजपा इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि रविवार को आप शासित पंजाब में 3,000 से अधिक पराली जलाने की घटनाएं हुई और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनावी राज्यों में ‘राजनीतिक पर्यटन’ में व्यस्त थे। सचदेवा ने आरोप लगाया,”केजरीवाल ने दिल्ली को धुएं के शहर में बदल दिया है। केवल पंजाब में रविवार को पराली जलाने के 3,230 मामले दर्ज किए गए लेकिन केजरीवाल ने चुप्पी साधी हुई है क्योंकि वहां उनके दल की सरकार है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदुषण से लोगों का दम घुट रहा है लेकिन केजरीवाल की प्राथमिकता ‘राजनीतिक पर्यटन’ है। वहीं, इस संकट से निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की आवश्यकता थी। 

सचदेवा ने आरोप लगाया कि पंजाब में क्षतिग्रस्त सड़कें, धूल और पराली जलाना दिल्ली में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के प्रमुख कारक रहे। दूसरी ओर कक्कड़ ने दावा किया कि हरियाणा के सोनीपत, पानीपत, रोहतक में पराली जलाने से धुआं निकल रहा है जो दिल्ली तक पहुंच रहा है। वहीं, खट्टर सरकार इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा, “हरियाणा में पराली जलाई जा रही है जो दिल्ली से 100 किलोमीटर दूर है जबकि पंजाब में जलने वाली पराली राष्ट्रीय राजधानी से 500 किलोमीटर दूर है।” 

कक्कड़ ने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा में बीएस तीन और बीएस चार बसें, औद्योगिक इकाइयां और लंबे समय तक बिजली कटौती के कारण डीजल जनरेटर का उपयोग भी दिल्ली में प्रदूषण में योगदान दे रहा है। दिल्ली में भाजपा इकाई के सचिव हरीश खुराना ने सोमवार को कहा कि पिछले आठ दिनों में दिल्ली में खराब हुई वायु गुणवत्ता के पीछे का मुख्य कारण पंजाब में पराली जलाना है। 

खुराना ने दावा किया,” पिछले एक महीने में पंजाब में पराली जलाने की 17,000 घटनाएं हुई जिनमें से अकेले 13,000 घटनाएं पिछले आठ दिनों में दर्ज की गई। पंजाब में पराली जलाने की रविवार को 3,230 घटनाएं हुई जबकि हरियाणा में इस दौरान 150 घटनाएं हुई।” दिल्ली-एनसीआर में सोमवार लगातार सातवें दिन जहरीली धुंध बनी रही और प्रदूषण का स्तर सरकार की निर्धारित सुरक्षित सीमा से लगभग सात से आठ गुना अधिक दर्ज किया गया। 

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