भारत

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि प्रशासनिक सुधारों से देश के अंतरिक्ष क्षेत्र को मिली गति  – Utkal Mail


नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को नौकरशाही के प्रभाव से मुक्त कराने के विपक्ष के सुझाव को खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने इस दिशा में भारत सरकार द्वारा किए गए प्रशासनिक सुधारों की सराहना की है।

वित्त मंत्री सीतारमण ‘भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा और चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग’ विषय पर उच्च सदन में चर्चा में हस्तक्षेप कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस विषय पर चर्चा के दौरान विपक्ष के एक सदस्य ने मांग की कि नौकरशाही को विज्ञान से दूर रखा जाना चाहिए और इसरो को नौकरशाही के प्रभाव से मुक्त करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी माइक गोल्ड ने कहा है कि भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र में नौकरशाही में किए गए सुधार से क्षेत्र को तेजी से बढ़ने में मदद मिली है। वित्त मंत्री ने कहा कि नौकरशाही क्षेत्र को बाधित नहीं कर रही है, बल्कि किए गए सुधारों से संबंधित क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ने में मदद मिली है।

चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर पहुंचने में ज्यादा समय लेने पर की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वास्तव में इसरो ने इस मिशन के लिए गैर-पारंपरिक और नवोन्मेषी रास्ता चुना ताकि यात्रा के दौरान कम ईंधन की खपत हो और पूरा मिशन किफायती हो।

उन्होंने कहा कि भारत का चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा पर जल्दी पहुचंने के लिए किसी देश के साथ होड़ में नहीं था। उन्होंने कहा कि इस मिशन पर करीब 615 करोड़ रुपये का खर्च आया जो अंतरिक्ष पर केंद्रित कई फिल्मों के बजट से कहीं कम था।

उन्होंने कहा कि सरकार की नीति अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों को निजी उद्यमियों के लिए खोलने की रही है और इसके लिए आत्मनिर्भर भारत योजना सहित कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि इसका फायदा दिखने लगा है और चंद्रयान-3 मिशन में निजी कंपनियां का खासा योगदान रहा।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस मिशन में महिला वैज्ञानिकों की भी अहम भूमिका रही और पूरी टीम में 100 से अधिक महिलाएं काम कर रही थीं। उन्होंने कहा कि महिला वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि अगर उन्हें मौका मिले तो वे विज्ञान के क्षेत्र में भी अधिकारसंपन्न बन सकती हैं। उन्होंने देश की अंतरिक्ष यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि 1975 में देश का पहला उपग्रह आर्यभट तत्कालीन सोवियत संघ की मदद से प्रक्षेपित किया गया था और अब भारत विभिन्न देशों के उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है।

उन्होंने कहा कि जुलाई 2023 तक भारत ने 34 देशों के 431 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की नाकामी के बावजूद इसरो नहीं रूका और उसने विफलता से सबक सीखते हुए सुधार किए। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन भले ही पूरी तरह से सफल नहीं रहे लेकिन इसके बाद भी दोनों मिशन से महत्वपूर्ण जानकारी मिली।

ये भी पढ़ें- ‘महिला आरक्षण को लागू किए बिना इसे चुनाव में भुनाने के लिए बेताब हैं प्रधानमंत्री’, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना


Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button