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पाकिस्तान का भ्रष्टाचार रोधी निकाय नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के चार मामलों की जांच शुरू करेगा – Utkal Mail


लाहौर। पाकिस्तान का भ्रष्टाचार रोधी निकाय पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के कम से कम चार मामलों में फिर से जांच शुरू करेगा। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। शरीफ ब्रिटेन में चार साल के स्व-निर्वासन के बाद अगले महीने स्वदेश लौटेंगे। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए 21 अक्टूबर को लंदन से पाकिस्तान लौटेंगे। लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा चार सप्ताह के लिए जमानत दिए जाने के बाद नवाज नवंबर 2019 में चिकित्सा आधार पर देश से बाहर चले गये थे।

 वह अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में कोट लखपत जेल लाहौर में सात साल कैद की सजा काट रहे थे। पीएमएल-एन का कहना है कि लाहौर पहुंचने पर नवाज शरीफ मीनार-ए-पाकिस्तान में एक रैली को संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) नवाज के खिलाफ भ्रष्टाचार के चार मामलों में फिर से जांच शुरू करेगा। एनएबी उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के मद्देनजर इन मामलों की जांच फिर से शुरू करेगा जिसमें नवाज के छोटे भाई शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार द्वारा जवाबदेही कानूनों में किए गए संशोधनों को रद्द कर दिया गया था। 

ये मामले अवैध भूखंडों और भूमि आवंटन, उनकी चीनी मिलों के शेयरों के संदिग्ध हस्तांतरण और तोशाखाना से संबंधित हैं। तोशाखाना कैबिनेट प्रभाग के प्रशासनिक नियंत्रण वाला विभाग है जहां अन्य देशों की सरकार एवं राष्ट्र प्रमुखों द्वारा पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है। घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘1986 में पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहते हुए नवाज शरीफ ने अपने अधिकार का दुरुपयोग करके लाहौर में कई लोगों को भूखंड आवंटित किये थे।

 उन पर 1998 में प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए नियमों का उल्लंघन कर लाहौर के जाति उमरा रायविंड में अपने आवास तक कई किलोमीटर सड़क का अवैध निर्माण कराने का भी आरोप है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तीसरा मामला चौधरी शुगर मिल्स मामले में ‘अवैध’ रूप से शेयरों के हस्तांतरण से संबंधित है, जिसका स्वामित्व नवाज शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों के पास है। इस मामले में उनकी बेटी मरियम नवाज पर भी प्रमुख लाभार्थी होने का आरोप है।’’

अधिकारी ने कहा कि चौथा मामला तोशाखाना मामले से जुड़ा है जिसमें उन पर नियमों का उल्लंघन कर राष्ट्रीय खजाने से आलीशान गाड़ियां लेने का आरोप है। इन मामलों के अलावा नवाज को अपनी दोषसिद्धि से जुड़े मामले का भी सामना करना होगा। नवाज के करीबी सहयोगी एवं पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता मियां जावेद लतीफ ने कहा कि 2017 में सरकार गिराने के वास्ते नवाज के खिलाफ साजिश रचने के लिए ‘‘सेना के पूर्व प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई के पूर्व प्रमुख जनरल फैज हमीद की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग’’ पार्टी ने छोड़ दी है।

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