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SEBI ने पेटीएम को भेजा वार्निंग लेटर, जानें क्या है पूरा मामला – Utkal Mail

नई दिल्ली। पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस को सेबी से एक ‘‘प्रशासनिक चेतावनी पत्र’’ मिला है। मामला वित्त वर्ष 2021-22 में ऑडिट समिति या शेयरधारकों की मंजूरी के बिना पेटीएम पेमेंट्स बैंक्स (पीपीबीएल) के साथ संबंधित लेनदेन से जुड़ा है। कंपनी ने बीएसई को दी सूचना में कहा कि उसने लगातार सेबी के नियमों के अनुपालन में काम किया है। फिनटेक कंपनी ने कहा कि वह ‘‘ अनुपालन मानकों को बनाए रखने और पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है और सेबी को अपना जवाब भी देगी।’’ 

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 15 जुलाई को लिखे पत्र में कहा कि उसने वन97 कम्युनिकेशंस और उसकी सहयोगी पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) से संबंधित वित्तीय तथा अन्य सूचनाओं के खुलासे के संदर्भ में जांच की है। सेबी के पत्र के अनुसार, ‘‘ इस संदर्भ में जांच के दौरान निम्नलिखित गैर-अनुपालन देखे गए… वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी और/या इसकी अनुषंगी कंपनियों ने पीपीबीएल के साथ अतिरिक्त संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी) या तो लेखा परीक्षा समिति या शेयरधारकों की उचित मंजूरी के बिना किए।’’ 

पेटीएम ने बीएसई को दी गई सूचना में सेबी के पत्र की विषय-वस्तु साझा की। बाजार नियामक के पत्र के अनुसार, कंपनी ने दावा किया कि उसने शेयरधारकों के संदर्भ के लिए कंपनी तथा उसकी अनुषंगी कंपनियों द्वारा पीपीबीएल के साथ किए गए लेनदेन का संचयी संख्यात्मक मूल्य प्रदान किया था। ओसीएल तथा पीपीबीएल की अनुषंगी कंपनियों के बीच लेनदेन वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान आरपीटी के रूप में सही नहीं हैं।’’ 

सेबी ने कहा, ‘‘ दूसरी ओर कंपनी के निदेशक मंडल और लेखा परीक्षा समिति ने ओसीएल और/या इसकी अनुषंगी कंपनियों के बीच पीपीबीएल के साथ लेनदेन को महत्वपूर्ण आरपीटी माना है। साथ ही एक प्रस्ताव पारित किया गया कि पीपीबीएल के साथ आरपीटी, संबंधित प्रस्तावों में उल्लिखित सीमाओं के भीतर होंगे।’’ 

सेबी के पत्र में बिना अनुमोदन के अतिरिक्त आरपीटी (ओसीएल और उसकी अनुषंगी कंपनियों के बीच, पीपीबीएल के साथ) को सूचीबद्ध किया गया है, जो 324 करोड़ रुपये (ओसीएल द्वारा पीपीबीएल से सेवाएं प्राप्त करना) और 36 करोड़ रुपये (ओसीएल द्वारा पीपीबीएल को सेवाएं प्रदान करना) है। सेबी ने कहा कि उल्लंघन बेहद ‘‘गंभीर’’ हैं। 

उसने कहा, ‘‘ इसलिए आपको भविष्य में सावधान रहने तथा अपने अनुपालन मानकों में सुधार करने की चेतावनी दी जाती है, ताकि भविष्य में ऐसा कुछ दोबारा न हो। ऐसा न करने पर कानून के अनुसार उचित प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की जाएगी।’’ बाजार नियामक ने कंपनी को यह भी सलाह दी कि वह अपना पत्र निदेशक मंडल की बैठक में उसकी जानकारी और आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई के लिए रखे, ‘‘ जिसके बाद 10 दिन के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट सेबी को प्रस्तुत की जाए।’’ 

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