धर्म

मिटटी के घड़े को घर में रखने के होते कुछ नियम, इन्हे न करें अनदेखा, नहीं तो रूठ जाएँगी लक्ष्मी जी

भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए अक्सर लोग घरों में मिट्‌टी का घड़ा या सुराही का इस्तेमाल करते हैं. शास्त्रों के अनुसार मिट्‌टी का घड़ा बहुत पवित्र माना जाता है. इसका पानी न सिर्फ गले को राहत पहुंचाता है बल्कि इससे व्यक्ति का भाग्य भी जुड़ा होता है.

शास्त्रों में वर्णन है कि घर में मिट्टी के बर्तन, मटके, सुराही हों तो वहां मां लक्ष्मी का वास होता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि इसका सही तरीके से इस्तेमाल और कुछ खास नियमों का पालन करना. अगर आप भी घर में मिट्‌टी का घड़ा रखते हैं या लेने वाले हैं तो इन बातों का जरुर ध्यान रखें, कहते हैं इससे कभी धन की कमी नहीं होती.

मिट्‌टी का घड़ा उपयोग करने के नियम

पहला घूंट कन्या को – वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर आप बाजार से नई सुराही या मिट्‌टी का घड़ा लाएं तो उसमें पानी भरकर रख दें. करीब पांच घंटे बाद उस पानी को तुलसी या घर के पौधों में डाल दें. अब साफ पानी भरें और सबसे पहले किसी कन्या को पिलाएं. मान्यता है ऐसा करने पर घर में धन-अन्न के भंडार खाली नहीं होते, बरकत आती है.

सही दिशा – घर में मिट्‌टी का घड़ा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें. इस दिशा में वरुण देव यानी जल के देवता और अन्या देवी-देवताओं का वास होता है. मान्यता है पानी का घड़ा इस दिशा में रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और परिवार में कभी धन की कमी नहीं होती. धन का आगमन होता है. तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं.

ग्रहों की शुभता –  कहते हैं मिट्टी के घड़े में पानी भरकर रखने से शनि की शुभता प्राप्त होती है. इसके लिए शनिवार को पीपल के नीचे एक कुल्हड़ में पानी भरकर रख दें. इससे शनि दोष शांत होता है.

नौकरी में तरक्की – शास्त्रों के अनुसार रोज सांध्याकाल के समय मिट्टी के घड़े के पास दीपक जलाने से करियर में आर्थिक और मानसिक तनाव में मुक्ति मिलती है और व्यक्ति शांत दिमाग से अपने लक्ष्य को पूरा कर पाता है. ऐसा करने पर घर में सकारात्‍मकता बढ़ेगी. साथ ही सुख-समृद्धि बढ़ेगी.

न करें ये गलती – घर में मिट्टी के घड़ा एक बार पानी से भर दें तो इसे कभी खाली न छोड़े. घड़े में हमेशा पानी होना चाहिए. खासकर रात के समय घड़े को सूखा न रखें. मान्यता है इससे दरिद्रता आती है और धन संबंधित समस्याएं होने लगती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button