Eid-ul-Azha 2025: बकरीद को लेकर लखनऊ में एडवाइजरी जारी, इन नियमों का करना होगा पालन – Utkal Mail

लखनऊ, अमृत विचारः लखनऊ में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) के लिए 12 बिंदुओं की एडवाइजरी जारी की है। देशभर में 7 जून 2025 को बकरीद मनाई जाएगी। इस्लामिक सेंटर के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि केवल उन जानवरों की कुर्बानी करें, जिन पर कानूनी प्रतिबंध नहीं है।
7, 8 और 9 जून को होगी कुर्बानी
ईदगाह के इमाम मौलाना फरंगी महली ने बताया कि कुर्बानी पैगंबर इब्राहिम और इस्माइल की सुन्नत है, न कि कोई रिवाज। यह एक महत्वपूर्ण इबादत है, और आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को इसे जरूर करना चाहिए। इस साल कुर्बानी 7, 8 और 9 जून को की जा सकती है। कुर्बानी के दौरान कानूनी नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
खुले में कुर्बानी न करें, सोशल मीडिया पर तस्वीरें न डालें
मौलाना ने सलाह दी कि केवल उन जानवरों की कुर्बानी करें, जिन पर कानूनी रोक नहीं है। कुर्बानी के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। सार्वजनिक स्थानों, खुले में या सड़कों पर कुर्बानी न करें। इसके लिए निर्धारित स्लॉटर हाउस या घर के अंदर का उपयोग करें। कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो सोशल मीडिया पर साझा न करें।
अपशिष्ट को सड़कों पर न फेंकें
एडवाइजरी में कहा गया है कि कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर न फेंके जाएं। इन्हें नगर निगम के कूड़ेदान में डालें। मौलाना ने कहा कि कुर्बानी के समय दूसरों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें। त्योहार का मतलब अपनी खुशी के साथ दूसरों की सुविधा का ध्यान रखना है।
खून को नालियों में न बहाएं
मौलाना ने बताया कि कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में बहाना धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उचित नहीं है। इसे मिट्टी में दफन करना चाहिए। मांस को ठीक से पैक करके बांटें और खुले में न ले जाएं। कुर्बानी के गोश्त का एक-तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों में बांटना चाहिए।
सेना और देश के लिए दुआ की अपील
मौलाना ने बकरीद की नमाज में सेना के जवानों, देश की तरक्की और फलस्तीन के लिए दुआ करने की अपील की है। साथ ही कहा कि यह एडवाइजरी सभी को एक जिम्मेदार और संवेदनशील तरीके से बकरीद मनाने के लिए प्रेरित करती है।
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