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तीसरा ओलंपिक पदक जीतने के लिए कौशल को निखारने पर पीवी सिंधु का फोकस, अविनाश साबले भी सुधारेंगे अतीत की गलतियां  – Utkal Mail

नई दिल्ली। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु शारीरिक और मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में हैं लेकिन उन्हें महसूस होता है कि ओलंपिक में तीसरा पदक जीतने के लिए उन्हें और अधिक ‘चतुर’ होने की जरूरत है। रियो और टोक्यो में पिछले दो ओलंपिक में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने वाली सिंधु का लक्ष्य तीन ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनने का है। 

सिंधु ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ), भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) द्वारा आयोजित बातचीत के दौरान कहा, यह चुनौतीपूर्ण है। यह आसान नहीं है, पर असंभव भी नहीं है। उन्होंने कहा, तीसरे ओलंपिक में जाने से पहले मुझे और अधिक स्मार्ट होने की जरूरत है। मुझे अनुभव है, पर स्मार्ट होने की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि मैं पदक का रंग बदल सकती हूं और निश्चित रूप से देश के लिए एक और पदक जीत सकती हूं।  वह अभी जर्मनी के सारब्रुकेन में हरमन-न्यूबर्गर स्पोर्ट्स्क्यूल में ट्रेनिंग कर रही हैं। वह 26 जुलाई को ओलंपिक शुरू होने से पहले सीधे पेरिस जायेंगी। 

सिंधु ने कहा, शारीरिक और मानसिक रूप से मैं फिट हूं, बस मुझे स्मार्ट होना है और मेरे कोच अगुस (द्वी सैंटोसो) इसका ध्यान रख रहे हैं। मेरे ट्रेनर भी ध्यान रख रहे हैं। मैं सभी स्ट्रोक्स पर काम कर रही हूं, चाहे वो डिफेंस हो, या अटैक या नेटप्ले। सभी चीजों में परफेक्ट होना महत्वपूर्ण है।  उन्होंने कहा,  मैं सिर्फ एक स्ट्रोक या तकनीक पर फोकस नहीं कर रही हूं। आप नहीं जानते कि क्या होने वाला है। ऐसे खिलाड़ी हैं जो काफी समझदार हैं और रणनीति में बदलाव करके प्लान बी पर आ जाते हैं। आपको इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। मेरा फोकस अभ्यास करने पर है। 

अविनाश साबले ने अतीत की गलतियों को सुधार कर ओलंपिक में अच्छा करने का वादा किया 
भारतीय 3000 मीटर स्टीपलचेस धावक अविनाश साबले ने वादा किया कि वह अतीत की गलतियों से सीख कर आगामी पेरिस ओलंपिक में यादगार प्रदर्शन करेंगे। साबले घरेलू स्तर पर बड़े नाम है लेकिन वह वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके हैं। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आठ मिनट 11.20 सेकंड है। साबले ने 2015 में दौड़ना शुरू किया है और राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम करने के बाद कई बार उसमें सुधार किया है। उन्होंने 2023 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक भी जीता है। पेरिस ओलंपिक में उनके पास खुद को साबित करने का एक और मौका होगा। साबले सितंबर में 30 साल के हो जायेंगे और ऐसे में यह उनका आखिरी ओलंपिक भी हो सकता है। 

साबले ने कहा,  मैंने पिछले दो वर्षों में गलतियां की हैं। मैं दो विश्व चैंपियनशिप (2022 और 2023) में अच्छी फिटनेस के साथ गया था लेकिन दोनों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। मैं सुधार करना चाहता हूं, उम्मीद है कि यह ओलंपिक मेरा सर्वश्रेष्ठ होगा। साबले ने यहां राष्ट्रीय अंतर-राज्य चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीता था। नौ बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ी के लिए यह किसी अभ्यास की तरह था। राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में रजत पदक जीतकर कीनियाई एथलीटों के वर्चस्व को तोड़ने वाले साबले अमेरिका में 2022 विश्व चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपलचेस फाइनल में 11वें स्थान पर रहे और हंगरी में 2023 सत्र में वह शुरूआती दौर की हीट से ही बाहर हो गए।

 प्रतिष्ठित डायमंड लीग मीट में उन्होंने पांच बार भाग लिया लेकिन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पांचवां स्थान हासिल करना रहा है। इस खिलाड़ी ने कहा,  टोक्यो ओलंपिक से पहले मैं दो बार कोविड-19 से संक्रमित हो गया था। फिर, पिछले साल भी मैंने गलतियां कीं। मैं हर साल अभ्यास अप्रैल या मई में शुरू कर देता था। जब मैं आखिरी समय में खुद को परखना चाहता था, मैंने पाया कि मैं प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं हूं। यही कारण है कि मैं सत्र देर से शुरू कर रहा हूं।

 


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