CIBIL स्कोर हुआ खराब तो क्या नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी? मद्रास हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय – Utkal Mail

CIBIL Score: यदि आप सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो अपने CIBIL स्कोर या क्रेडिट रेटिंग पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। कमजोर CIBIL स्कोर के कारण नियुक्ति पत्र प्राप्त होने के बाद भी आपकी नियुक्ति रद्द हो सकती है। ऐसा ही एक मामला भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ सामने आया, जहां पी. कार्तिकेयन की नियुक्ति को उनके खराब CIBIL स्कोर के आधार पर रद्द कर दिया गया। इस फैसले के खिलाफ कार्तिकेयन द्वारा दायर याचिका को मद्रास हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया और SBI के निर्णय को सही ठहराया।
SBI ने नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद रद्द की नियुक्ति
जुलाई 2020 में SBI ने CBO (Circle Based Officer) पद के लिए एक विज्ञापन जारी किया था। पी. कार्तिकेयन ने इस विज्ञापन के आधार पर आवेदन किया और सभी चयन प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पार किया। इसके बाद, 12 मार्च 2021 को उन्हें SBI द्वारा नियुक्ति पत्र जारी किया गया। हालांकि, 9 अप्रैल 2021 को बैंक ने उनकी नियुक्ति रद्द कर दी। SBI ने बताया कि कार्तिकेयन की CIBIL रिपोर्ट में वित्तीय अनुशासन से संबंधित गंभीर खामियां पाई गईं, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया।
आवेदक की दलील
SBI के इस फैसले के खिलाफ कार्तिकेयन ने मद्रास हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की और बैंक के आदेश को रद्द करने की मांग की। अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया कि विज्ञापन जारी होने तक उनके ऊपर कोई लोन बकाया नहीं था और सभी कर्ज चुका दिए गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि CIBIL या किसी अन्य क्रेडिट एजेंसी ने उन्हें डिफॉल्टर घोषित नहीं किया था, इसलिए SBI का निर्णय अनुचित है।
SBI का पक्ष
बैंक ने अपने बचाव में तर्क दिया कि विज्ञापन की धारा 1(E) में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि यदि किसी आवेदक का लोन या क्रेडिट कार्ड भुगतान में चूक हो या CIBIL अथवा अन्य क्रेडिट एजेंसी से नकारात्मक रिपोर्ट हो, तो उसे नौकरी के लिए अयोग्य माना जाएगा। SBI ने कहा कि यह शर्त विज्ञापन में पहले ही स्पष्ट कर दी गई थी।
मद्रास हाई कोर्ट का फैसला
याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस एन. माला ने कहा कि केवल लोन चुकाना पर्याप्त नहीं है; लोन चुकाने की पूरी अवधि के दौरान वित्तीय अनुशासन का रिकॉर्ड भी साफ होना चाहिए और CIBIL रिपोर्ट में कोई नकारात्मक जानकारी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि जब कोई उम्मीदवार विज्ञापन की शर्तों को स्वीकार कर आवेदन करता है, तो बाद में उन शर्तों को चुनौती नहीं दी जा सकती। इस आधार पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और SBI के फैसले को बरकरार रखा।
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