पृथ्वी पर जन्म, मंगल पर जीवन का अंतिम पड़ाव… क्या यह सपना होगा साकार? – Utkal Mail

वाशिंगटन: सोचिए, कोई व्यक्ति पृथ्वी पर जन्म ले, अपनी आधी जिंदगी यहीं बिताए और फिर बाकी का जीवन मंगल ग्रह पर गुजारे—यह विचार कितना रोमांचक और अविश्वसनीय है! दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और धनवान उद्यमी, स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने ऐसी ही एक असाधारण इच्छा व्यक्त की है। वह अपनी बची हुई जिंदगी का आधा हिस्सा मंगल ग्रह पर बिताना चाहते हैं। इस बारे में उनका एक बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है।
एलन मस्क ने क्या व्यक्त किया?
एक साक्षात्कार में टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने कहा, “मैं लंबे समय में मंगल ग्रह पर जाना चाहता हूं। मेरे लिए यह अद्भुत होगा कि कोई पृथ्वी पर पैदा हो और मंगल पर अपनी जिंदगी का अंत करे, बशर्ते वह समय संघर्षपूर्ण न हो।” मस्क का यह कथन स्पष्ट करता है कि वह मंगल पर उस समय जीवन बिताना चाहते हैं, जब उनके पास जीवन का आनंद लेने के लिए पर्याप्त समय हो, न कि जीवन के अंतिम क्षणों में।
क्या मस्क का यह सपना हकीकत बन सकता है?
एलन मस्क का यह विचार महज एक ख्याल नहीं है। उनकी कंपनी स्पेसएक्स ने स्टारशिप तकनीक विकसित की है, जो विशेष रूप से मंगल ग्रह पर मानव मिशन के लिए डिज़ाइन की गई है। यह पुन: उपयोग होने वाला रॉकेट सिस्टम है। हाल के परीक्षणों और प्रक्षेपणों ने साबित किया है कि मंगल पर मानव मिशन अब पहले से कहीं अधिक करीब है।
मंगल पर जीवन की संभावना?
मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को लेकर वैज्ञानिक शोध तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मंगल का वातावरण पृथ्वी से पूरी तरह अलग है, जहां ऑक्सीजन की मात्रा न के बराबर है। औसत तापमान लगभग -60 डिग्री सेल्सियस है। फिर भी, कृत्रिम ऑक्सीजन जनरेटर, हाइड्रोपोनिक खेती और उन्नत जीवन समर्थन प्रणालियों जैसी तकनीकों ने इस सपने को वास्तविकता के करीब ला दिया है। NASA जैसे अंतरिक्ष संगठन भी मंगल पर जीवन की संभावनाओं की खोज में जुटे हैं। वहां बर्फ के रूप में पानी की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि सही तकनीक के साथ मंगल पर स्थायी मानव कॉलोनियां बनाना संभव हो सकता है।
मानवता के लिए ऐतिहासिक कदम
यदि एलन मस्क का यह सपना सच होता है, तो यह मानवता के लिए एक नया अध्याय होगा। यह न केवल हमारे ब्रह्मांड में स्थान को लेकर सोच को बदलेगा, बल्कि विज्ञान और साहसिकता की सबसे बड़ी यात्रा बन सकता है।
मंगल पर पानी की मौजूदगी?
वैज्ञानिकों ने मंगल पर पानी के कई सबूत पाए हैं, हालांकि यह तरल रूप में नहीं, बल्कि बर्फ के रूप में है। मंगल के ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ की मोटी परतें मौजूद हैं, और कुछ क्षेत्रों में सतह के नीचे जमी हुई पानी की परतें मिली हैं। NASA के मिशन, जैसे Mars Reconnaissance Orbiter, ने संकेत दिए हैं कि प्राचीन काल में मंगल पर नदियां और झीलें थीं। 2018 में, मंगल के दक्षिणी ध्रुव के नीचे एक संभावित तरल झील की खोज हुई, हालांकि इस पर और शोध जारी है।
मंगल पर ऑक्सीजन उत्पादन संभव?
मंगल के वायुमंडल में 95% कार्बन डाइऑक्साइड, 2.7% नाइट्रोजन और मात्र 0.13% ऑक्सीजन है, जो मानव जीवन के लिए अपर्याप्त है। लेकिन NASA का MOXIE (Mars Oxygen In-Situ Resource Utilization Experiment) प्रयोग, जो 2021 में Perseverance रोवर के साथ मंगल पर भेजा गया, ने कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने में सफलता हासिल की है। यह तकनीक भविष्य में मंगल पर मानव जीवन को संभव बना सकती है।
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