अंतत: सत्य की जीत हुई, हाईकोर्ट ने भिलाई में सवा 2 एकड़ जमीन को पुरानी दर पर रजिस्ट्री करने का दिया आदेश
भिलाई। उद्योग के लिए जमीन आवंटन हेतु आवेदन करने पर निर्धारित प्रक्रिया के बावजूद जमीन नहीं मिलने पर उद्योग संचालक को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। अंतत: न्याय मिला और पूरे 12 साल की न्यायिक प्रक्रिया के बाद अंतत: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उद्योग संचालक के पक्ष में फैसला देते हुए सवा 2 एकड़ जमीन को मेसर्स सतना मिनरल्स एंड मेटल्स प्रा लि अनुसार ही रजिस्ट्री करने का दिया आदेश दिया है। जिला उद्योग केंद्र दुर्ग ने इस फैसले पर अमल भी कर दिया है। संबंधित उद्योग संचालक अजय कुमार अग्रवाल ने इसे सत्य की जीत बताया है।
प्रकरण के अनुसार भारी औद्योगिक क्षेत्र हथखोज भिलाई में प्लांट नं. 19 सी हेतु मेसर्स अजय इण्डस्ट्रीज द्वारा ”पहले आओ पहले पाओ” की औद्योगिक नीति के तहत 5 एकड़ जमीन के लिए आवेदन नवंबर 2010 को किया गया था। जिसमें उनका आवेदन क्रमांक-1 पर था। लेकिन कतिपय कारणों से उनका आवेदन लंबित (होल्ड पर) रख शेष आवंटन कर दिए गए। संचालक को कहा गया कि-जब आपके अनुरूप भूमि उपलब्ध होगी तब आवंटन कर दिया जाएगा।
इस बीच भारी औद्योगिक क्षेत्र में प्लाट क्रमांक 19-सी खाली हुआ तो प्लाट क्रमांक 19 सी भारी औद्योगिक क्षेत्र भिलाई हेतु मेसर्स अजय इण्डस्ट्रीज ने आवेदन किया फिर भी आबंटन नहीं हुआ फिर 2015 में नियमों का हवाला देकर निरस्त कर दिया गया। इसके खिलाफ उद्योग संचालक ने हाईकोर्ट में अपील की और अंतत: सत्य की जीत हुई। उद्योग संचालक अजय कुमार अग्रवाल ने उच्च न्यायालय के फैसले के प्रति हर्ष जताते हुए कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने एक बड़ी राहत दी है और जो लोग फर्जी तरीके से इस जमीन का आवंटन करवाना चाहते थे,उनकी साजिश का पर्दाफाश हो चुका है। ऐसे लोग अब आरोप-प्रत्यारोप पर उतर आए हैं, जबकि न्यायालय का स्पष्ट फैसला आ चुका है और जिला व्यापार उद्योग केंद्र दुर्ग ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन भी कर दिया है।
अग्रवाल ने बताया कि 2015 से हाईकोर्ट में लंबित मामले का निराकरण करते हुए उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र चंद्र सिंह सामंत ने 12 अप्रैल 2022 को फैसला सुनाते हुए अपने फैसले में उक्त औद्योगिक भूखण्ड को मेसर्स सतना मिनरल्स एंड मेटल्स प्रा लि अनुसार ही पुराने दर पर ही आबंटन किए जाने का आदेश जारी किया है।
न्यायालय ने भारी औद्योगिक क्षेत्र में सतना मिनरल्स एण्ड मेटल प्रा.लि. को 6 एकड़ भूखण्ड का आबंटन पुराने दर पर संचालनालय उद्योग द्वारा किया गया था जिसके परिपेक्ष्य में अजय इण्डस्ट्रीज को भी पुरानी दर पर ही भूखण्ड आबंटन का आदेश मान. उच्च न्यायालय ने दिया है।
उद्योग संचालक अजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2020 में मेसर्स कृष्णा इंडस्ट्रीज के नाम से दो पार्टनर ने उक्त भूखण्ड को अपने अधिपत्य में दर्शाते हुए विभाग से रजिस्ट्री कराने का प्रयास किया था लेकिन मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण सफल नहीं हो सके। अब माननीय हाईकोर्ट से 12 वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद अजय इण्डस्ट्रीज के संचालक को बड़ी राहत मिली है। चूंकि माननीय न्यायालय के फैसले पर 120 दिन के भीतर अमल होना आवश्यक था। ऐसे में जिला उद्योग केंद्र दुर्ग ने इस पर तत्परता दिखाते हुए समय सीमा के भीतर 6 सितंबर 2022 को उच्च न्यायालय के आदेश के परिपेक्ष्य में उद्योग विभाग द्वारा प्लाट 19 सी का विधिवत पंजीयन अजय इण्डस्ट्रीज के नाम से कर दिया गया है।
माननीय उच्च न्यायालय ने अपना निर्णय 12 अप्रैल 2022 को सुनाया। चूंकि माननीय न्यायालय के फैसले पर 120 दिन के भीतर अमल होना आवश्यक था। ऐसे में जिला उद्योग केंद्र दुर्ग ने इस पर तत्परता दिखाते हुए समय सीमा के भीतर 6 सितंबर 2022 को आवंटन भी कर दिया।