पश्चिम बंगाल के अनिश्चितकालीन रेल छेको आंदोलन में शामिल हुए कसमार के लोग
समार । कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति में सूचिबद्ध करने एवं जनजातीय भाषा कुड़माली को संविधान की आठवीं अनुसूचित में शामिल कराने को लेकर आदिवासी कुड़मी सेना समुदाय के द्वारा अनिश्चितकालीन रेल छेको कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें दक्षिण 24 परगना, बांकुड़ा, मेदनीपुर एवं पुरुलिया क्षेत्र, झालदा, झाड़ग्राम आदि दक्षिण पूर्व रेलवे के कई स्टेशनों में पहुंचे। और रेलवे लाईन में बैठ कर रेल सेवा को बाधित किया। आंदोलन को सफल बनाने के लिए बोकारो जिले के चंदनकियारी, चास, कसमार प्रखंड के भी दर्जनों लोग शामिल हुए। कसमार के अनन्त महतो कंडहर के नेतृत्व में भी तीन दर्जन लोग कसतूरे स्टेशन पंहुचे और आंदोलन को समर्थन दिया। इस दौरान कहा कि सन् 1950 में साजिश के तहत कुडमी जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से अलग कर दिया गया। लेकिन कुंडली किसी भी हाल में जनजाति की सूची में शामिल होकर रहेंगे। इसके लिए राज्य एवं केन्द्र सरकार को बाध्य किया जायेगा। इस दौरान मानू गुलियार, भागीरथ महतो, गोविंद महतो, राहुल महतो आदि कई लोग मौजूद थे।