विचार

सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ कुड़माली भाखिचारि जागरन जडुआहि का हुआ समापन

। कसमार प्रखंड के करमा गांव में आयोजित एक दिवसीय कुड़माली भाखिचारि जागरण जुड़आहि कार्यक्रम का रविवार को देर रात  कुड़माली सांस्कृतिक कार्यक्रम झूमर एवं पांता नाच के साथ समापन हुआ। इससे पूर्व कार्यक्रम में देर शाम गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो राज्य समन्वय समिति के सदस्य सह गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र महतो भी पहुंचे। इस दौरान सभी ने एकमत होकर मजबूती के साथ कुड़मी जाति को आदिवासी सूचि में शामिल करने की मांग का आंदोलन जोरदार तरीके से करने का संकल्प लिया।  गोमिया विधायक ने कहा कि जो कुड़मियों को आदिवासियत में शामिल करने की बात करेगा वही झारखंड में राज करेगा। वही पूर्व विधायक सह  राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त योगेंद्र महतो ने कहा कि कुड़मियों को अपनी पुरातन पारंपरिक रीति-रिवाजों में लौटना होगा। तभी कुडमियों का खोया हक-अधिकार वापस मिलेगा।  इससे पूर्व कार्यक्रम का शुरुआत सुबह  कुड़माली रिति-रिवाज लोटा-पानी से बोकारो जिप उपाध्यक्ष बबीता कुमारी के चरण धोकर एवं रोहइण माटी का टीका लगाकर किया। उन्होंने राष्ट्रीयध्वज एवं कुड़मालि ध्वजारोहण भी किया। इसके बाद कुड़माली भाखिचारि के विद्वानगुरू संतोष केटियार, नरहरि महातो आदि द्वारा जन्म-विवाह एवं मृत्यु  तक के कुड़मालि रिति-रिवाज नेगाचारि के नियमों को विस्तार पूर्वक एक-एक कर बताया। उन्होंने वैदिक संस्कृति को छोड़ कुड़मालि संस्कृति को अपनाने का आवाह्न किया। रात्रि कार्यक्रम में कसमार, पेटरवार, जरीडीह प्रखंड के आसपास के गांवों के हजारों लोग महिला, पुरुष, युवक युवतियों मौजूद थीं। चंदनकियारी प्रखंड के बाबुडीह से आये मिसिर चंद्र महातो के झूमर व पांता नाच की टीम एवं जीतनी महातो ने एक से बढ़कर एक बढ़िया गीत एवं नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का दिल जीत कर भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम में दो बाल कलाकारों ने भी कुडमाली विवाह गीत गाकर दर्शकों को भावुक किया।

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